मार्शल द्वारा 'मूल्य व वितरण' के सन्दर्भ में दिये गये विचारों का विवेचन | कीजिये।

मार्शल द्वारा ‘मूल्य व वितरण’ के सन्दर्भ में दिये गये विचारों का विवेचन | कीजिये।

मार्शल द्वारा ‘मूल्य व वितरण – मार्शल विगत् शताब्दी के एक महान् अर्थशास्त्री थे। मार्शल के अर्थशात्र की आर्थिक विचारधारा और नीति के क्षेत्र में अब तक गहरा प्रभाव है और निकट भविष्य में उसके समाप्त होने के आसार नहीं हैं। हैने के शब्दों में, “मार्शल के आर्थिक विचारों के इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति […]

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फिलिप द्वितीय के शासन काल की घटनाओं की विवेचना कीजिए।

फिलिप द्वितीय के शासन काल की घटनाओं की विवेचना कीजिए।

फिलिप द्वितीय के शासन काल – फिलिप द्वितीय चार्ल्स पंचम का पुत्र था, जिसका जन्म 27 मई, 1527 ई. में बेलाडालिङ नामक स्थान में हुआ था उसका विवाह 1543 ई. में मात्र 16 वर्ष की आयु में पुर्तगाली राजकुमारी मारिया के साथ हुआ, किन्तु 1545 ई. में प्रथम शिशु को जन्म देकर मारिया का देहान्त

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राजेन्द्र यादव का जीवन एवं आत्म-कथांश हक़ीर कहो फक़ीर कहो का उल्लेख किजिए।

राजेन्द्र यादव का जीवन एवं आत्म-कथांश हक़ीर कहो फक़ीर कहो का उल्लेख किजिए।

राजेन्द्र यादव का जीवन – राजेन्द्र यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित राजा मण्डी इलाके में 28 अगस्त 1929 को हुआ था। इनके पिता डॉ० मिश्रीलाल सरकारी डॉक्टर तथा माता श्रीमती ताराबाई मराठी भाषी गृहिणी थी। राजेन्द्र यादव का बचपन आगरा में ही व्यतीत हुआ। राजेन्द्र यादव की प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू से शुरू

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स्वतंत्रता और समानता पर लास्की के विचार लिखिए।

स्वतंत्रता और समानता पर लास्की के विचार लिखिए।

स्वतंत्रता और समानता पर लास्की के विचार – लास्की की स्वतंत्रता की अवधारणा अधिकारों की परिकल्पना से जुड़ी हुई है इसलिए स्वतंत्रता विशेष अधिकार नहीं वरन् अधिकारों का सार है। अर्थात् अधिकार प्रणाली का मूल तत्त्व स्वतंत्रता ही है जिसके आधार पर वह जीवित ही नहीं रहती है वरन् निरन्तर सिंचित होकर परिपुष्ट भी होती

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बाल अपराध की परिभाषा कीजिए। इसके कारकों की विवेचना कीजिए।

बाल अपराध की परिभाषा कीजिए। इसके कारकों की विवेचना कीजिए।

बाल अपराध की परिभाषा (Meaning of Juvenile Delingency)- बाल अपराध का ही एक पक्ष है जिस पर आधुनिक युग के विशेषज्ञों ने विभिन्न दृष्टिकोण से विचार किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका की लोकसभा अर्थात् कांग्रेस के 75वें अधिवेशन के दूसरे की बैठक में राज्य के सरकारी व्यय से सम्बन्धित की एक उपसमिति ने बाल अपराध

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प्रसारवादी सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्रसारवाद के प्रमुख सम्प्रदाय बताइए।

प्रसारवादी सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्रसारवाद के प्रमुख सम्प्रदाय बताइए।

प्रसारवादी सिद्धान्त – प्रसारवाद से तात्पर्य विस्तारवादी विचारधारा से है। वस्तुतः प्रसारवाद एक ऐसा सिद्धान्त है जिसमें एक सांस्कृतिक समूह दूसरे सांस्कृतिक समूह में सांस्कृतिक तत्वों या संकुल आदान-प्रदान कर विस्तार या फैलाव करता है। यहीसांस्कृतिक फैलाव या विस्तार ‘प्रसार’ कहलाता है, जबकि इस विचारधारा को प्रसारवाद कहा जाता है। प्रसारवादी सिद्धान्त को एक अर्थ

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भारतीय संविधान की प्रकृति की विवेचना कीजिये। Discuss the nature of Indian Constitution.

भारतीय संविधान की प्रकृति की विवेचना कीजिये। Discuss the nature of Indian Constitution.

भारतीय संविधान की प्रकृति के सन्दर्भ में यह प्रश्न उठता है कि उसकी प्रकृति परिसंघात्मक है या एकात्मक एकात्मक संविधान वह होता है जिसमें समस्त शक्ति केन्द्रीय सरकार को प्रदान की गई होती है जबकि परिसंघात्मक व्यवस्था में शक्तियाँ केन्द्र तथा राज्य के बीच विभक्त होती है। उस प्रकार भारतीय संविधान की प्रकृति का निर्धारण

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कार्ल मार्क्स के अनुसार संघर्ष का सिद्धान्त।

कार्ल मार्क्स के अनुसार संघर्ष का सिद्धान्त।

कार्ल मार्क्स संघर्ष का सिद्धान्त – मार्क्स 1848 ई. में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘साम्यवादी घोषणापत्र (Communist Manifesto) मेलिखते है कि “अभी तक का इतिहास वर्ग संघर्षों का इतिहास रहा है।” मार्क्स के अनुसार समाज में हमेशा दो वर्ग रहे हैं और उनके बीच संघर्ष पाया जाता है उन दोनों के संघर्ष से ही समाज में

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जनसंख्या की वृद्धि और आर्थिक विकास परस्पर आश्रित है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

जनसंख्या की वृद्धि और आर्थिक विकास परस्पर आश्रित है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

‘आर्थिक विकास का अभिप्राय उस प्रक्रिया (Process) से है, जिसके द्वारा किसी राष्ट्र की प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में दीर्घकाल तक वृद्धि होती है तथा भौतिक कल्याण का स्तर ऊंचा उठता है। आर्थिक विकास की प्रक्रिया में श्रमशक्ति द्वारा राष्ट्र के प्राकृतिक- संसाधनों का विदोहन निहित होता है। निःसन्देह विकास के प्रयत्नों में श्रमशक्ति धनात्मक

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रोस्टोव के आर्थिक से वृद्धि के चरणों की व्यख्या कीजिए।

रोस्टोव के आर्थिक से वृद्धि के चरणों की व्यख्या कीजिए।

रोस्टोव का आर्थिक विकास की अवस्थाओं का सिद्धान्त (Rostow’s Theory of Stages of Economic Growth) – विभिन्न देशों के आर्थिक विकास के इतिहास का अध्ययन करके विकास के ऐतिहासिक काल को विकास प्रक्रिया के विश्लेषणात्मक कालों में बदला जा सकता है तथा इस आधार पर विभिन्न राष्ट्रों के विकास स्तर की तुलनात्मक माप की जा

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